कहता था तुझे चाहता हु दिलो जान सेअब तू ही गोलियाँ चला रहा ज़ुबान से !हमने दलील दी तो कही रो ही न पड़े,हमने दलील दी तो कही रो ही न पड़ेअब कौन ही बहस में पड़े बेईमान से !!! अब कह रहा है तुझे भूल जाऊंगालग तो नहीं रहा अभी तक के रुझान से… Continue reading अब कौन ही बहस में पड़े बेईमान से